Virat Kohli और Rohit Sharma ने किस वजह से लिया T20I से संन्यास, जवाब है इस पूर्व गेंदबाजी कोच के पास
Virat Kohli: आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद ही भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 इंटरनेशनल से संन्यास की घोषणा कर दी. कोई भी नहीं समझ पाया कि दोनों ने यह फैसला किस वजह से किया. इसके एक दिन बाद स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी टी20 इंटरनेशनल को अलविदा कह दिया. भारत के तीन दिग्गज खिलाड़ियों के एक साथ संन्यास लेने से फैंस हैरान रह गए. विराट ने प्रेजेंटेशन के समय ही यह घोषणा कर दी, जबकि रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तक का इंतजार किया. क्रिकेट के पंडित इस मुद्दे पर अलग-अलग राय रखते हैं. अब भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने खुलासा किया कि रोहित, कोहली और जडेजा तीनों में से किसी ने भी पहले टीम के बाकी सदस्यों से अपने संन्यास के बारे में चर्चा नहीं की थी.
टीम के किसी सदस्य को नहीं थी संन्यास की जानकारी
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पारस म्हाम्ब्रे ने खुलासा किया कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा का टी20 आई से संन्यास का फैसला भारतीय टीम के साथ-साथ सहयोगी स्टाफ के लिए भी उतना ही आश्चर्यजनक था जितना कि प्रशंसकों के लिए था. म्हाम्ब्रे ने कहा कि मुझे लगता है कि किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी. अगर आपने पहले कोई बातचीत की होती तो हमें पता होता कि ऐसा होगा. लेकिन उनमें से किसी ने भी इस बारे में बातचीत नहीं की. अगर व्यक्तिगत रूप से या निजी तौर पर उन्होंने राहुल द्रविड़ जैसे किसी व्यक्ति से बातचीत की होती तो यह अलग बात होती, लेकिन टीम या अन्य व्यक्तियों के बीच ऐसा नहीं था. इसलिए यह हमारे लिए भी थोड़ा आश्चर्यजनक था.
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म्हाम्ब्रे ने कहा, संन्यास का इससे बेहतर समय कोई नहीं
सभी ने तीनों खिलाड़ियों के इस निर्णय को आश्चर्यजनक बताया, हालांकि महाम्ब्रे का मानना है कि तीनों के लिए संन्यास लेने का यह सबसे सही तरीका था, क्योंकि वे एक दशक से भी अधिक समय से लगातार खेल रहे हैं. तीनों ने एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल की. भारत ने करीब 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीता था. पिछले साल रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था. यह जीत उस जख्म पर मरहम से कम नहीं थी. तीनों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और यही हर खिलाड़ी का सपना होता है.
एक उम्र में कुछ प्रारूपों को छोड़ना पड़ता है
म्हाम्ब्रे ने कहा कि अगर आप खिलाड़ियों के नजरिए से देखें तो एक प्रारूप का इससे बेहतर अंत नहीं हो सकता है. विराट 2011 विश्व कप का हिस्सा थे और 2011 के बाद से विश्व कप न जीत पाना बड़ी बात रही होगी. वह इसे बहुत चाहते थे. इसलिए जाहिर है, जब आप किसी ऐसी चीज को हासिल करने के लिए यात्रा करते हैं जिसे आप वर्षों से बहुत चाहते थे, तो कभी-कभी एक खिलाड़ी के तौर पर आपको लगता है कि वह यात्रा उस प्रारूप में पूरी हो गई है और आप वास्तव में इससे बेहतर नहीं हो सकते. मुझे लगता है कि यही एक कारण है कि उन्होंने ऐसा किया होगा क्योंकि वे विश्व कप जीतने से बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर सकते थे. एक उम्र में खिलाड़ियों को चुनना होता है कि वह किस प्रारूप में खेले और किसे छोड़ दे.
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