King Cobra (नागराज) पर माइक्रोचिप लगाकर कर रहे हैं प्रयोग
King Cobra Microchip News: कर्नाटक का पिलीकुला बायोलॉजिकल पार्क अपने किंग कोबरा के कारण काफी प्रचलित है। 350 एकड़ में फैला हुआ यह पार्क मुख्य रूप से किंग कोबरा सांपों का प्रजनन और संरक्षण केंद्र है। पिलीकुला जंतुआलय में किंग कोबरा सांपों पर माइक्रोचिप प्रत्यारोपित किया जा रहा है। यह मुख्य रूप से किंग कोबरा की गतिविधि को अच्छे से समझने और प्रजनन के दौरान अच्छा परस्पर संबंध और अच्छी संतान को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
पीलीकुला बायोलॉजिकल पार्क के निदेशक जयप्रकाश भंडारी ने बताया की इस तरह का माइक्रोचिप एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो जानवरों की त्वचा के नीचे लगाया जाता है। इससे जानवरों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि बायोलॉजिकल पार्क के लोग जानवरों को अच्छे से मैनेज कर पाते हैं। इन सभी चिप में एक छोटा रिसीवर होता है जो सभी जानवर के नाम, जिन, और ट्रांसपोंडर नंबर दर्ज करके रखता है।
1 महीने में यह काम और आगे बढ़ेगा
इस बायोलॉजिकल पार्क के सर्वे के दौरान पता चला कि किंग कोबरा की गतिविधि को पढ़ना बहुत ही रोचक होता है। जिस पर गहन रिसर्च करने के लिए भी इस चिप का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह भी मालूम चला कि जंतुआलय के बाघ, शेर, तेंदुआ, और कुछ अन्य जानवरों पर भी इस चीज को लगाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा।
इससे जानवर की गतिविधि को पहचान पढ़ने और उनकी अच्छी संतानों पर रिसर्च करना आसान हो सकता है। और इससे जानवरों पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा इस पूरी तरह सुनिश्चित करने के बाद ही इस प्रक्रिया को शुरू किया गया है। आपको बता दे जानवरों की त्वचा पर माइक्रोचिपिंग प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया को 1 महीने में पूरा कर दिया जाएगा और इस माइक्रोचिप को विदेश से आयात किया जा रहा है।
विदेश से आयात किया जा रहा है यह माइक्रोचिप
जानवरों की जानकारी को सुनिश्चित रखने और उन पर रिसर्च करने के लिए यह चीज बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज से कुछ समय पहले इसका इस्तेमाल केवल कुछ विदेश के नेशनल पार्क में किया जाता था। लेकिन अब बड़े पैमाने पर भारत के भी अलग-अलग बायोलॉजिकल पार्क में इस चिप का आयात किया जा रहा है।
वर्तमान समय में इस चिप का मुख्य रूप से इस्तेमाल किंग कोबरा सांपों पर किया जा रहा है। किंग कोबरा रेप्टाइल कैटेगरी का जीव है जिस वजह से उसके शरीर की त्वचा एकल कोशिकाओं से बनी हुई है। इस वजह से माइक्रोचिपिंग करना और आसान हो जाता है। इसके अलावा किंग कोबरा के प्रजनन का समय नजदीक आ रहा है और उनके परस्पर प्रजनन और अच्छी संतान की जानकारी एकत्रित करना जरूरी है ताकि इस जीव को और अच्छे से समझा जा सके और इसे विलुप्त होने से बचाया जा सके।