नई दिल्ली। Kajari Teej 2024 Katha: बैसे तो सावन का महिना भगवान शिव को समर्पित कर देने वाला महिना होता है। जिसमें हर सोमवार को व्रत और पूजा पाठ करने से मनचाहा वरदान प्राप्त हो जाता है। अब राखी के बाद कजरी तीज का पर्व मनाया जाने वाला है जो राखी के तीन दिन बाद मनाया जाता है। कजरी तीज के दिन कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने के साथ यदि व्रत कथा का पाठ करती हैं। तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन कथा का पाठ करना काफी जरूरी माना गया है।
कजरी तीज 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण की तृतीया तिथि 21 अगस्त को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर कजरी तीज की शुरूआत होगी, और इसकी तिथि का समापन अगले दिन यानी 22 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार इस बार कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा।
कजरी तीज व्रत कथा (Kajari Teej Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक ब्राह्मण का परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी ने भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत किया। इस व्रत को रखने के लिए दौरान पत्नि ने अपने पति से सत्तू लाने को कहा। लेकिन सत्तू लाने के लिए ब्राह्मण के पास पैसा नहीं था। पत्नि के ब्रत को पूरा करने के लिए उसने चोरी करने का फैसला लिया। इसके बाद वह रात के समय एक दुकान से सत्तू की चोरी करने घुस गया। लेकिन तभी दुकान के मालिक की नींद खुल गई और उसने उसे सत्तू चोरी करते रंगे हाथों पकड़ लिया।
ब्राह्मण ने दुकान के मालिक को सत्तू चुराने के कारण के बारे मे बताया तो दुकान मालिक का दिल पिघल गया। इसके बाद दुकान मालिक ने उसे सत्तू देकर कहा कि वो उसकी पत्नी को अपनी बहन के रूप में मानेगा। अंत में मालिक ने ब्राह्मण को मेहंदी, सत्तू, गहने और धन देकर विदा किया। इसके पश्चात सभी ने कजली माता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की।