DoPT मंत्री ने UPSC अध्यक्ष को लिखा पत्र: पीएम के निर्देश पर लेटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने की मांग
20 अगस्त 2024 को, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के मंत्री ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है। इस पत्र में मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने की मांग की है।
लेटरल एंट्री का विवाद:
हाल ही में UPSC ने विभिन्न उच्च पदों के लिए लेटरल एंट्री (सीधी नियुक्ति) के माध्यम से भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह विज्ञापन सरकारी सेवाओं में अनुभवी पेशेवरों की भर्ती की योजना का हिस्सा था, जिसे पहले सकारात्मक रूप से देखा गया था। हालांकि, इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं, और इसके कार्यान्वयन को लेकर कुछ विवाद उठे।
प्रधानमंत्री के निर्देश:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विज्ञापन को लेकर चिंताओं को गंभीरता से लिया और DoPT मंत्री को निर्देश दिए कि इस विज्ञापन को रद्द किया जाए। पीएम का मानना था कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता और समान अवसर की सच्चाई के अनुरूप नहीं है, और इससे सरकार की नीतियों पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
मंत्री का पत्र और कार्रवाई:
DoPT मंत्री ने UPSC अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में इस निर्णय की औपचारिक पुष्टि की है और लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से शुरू करने का अनुरोध किया है। मंत्री ने पत्र में उल्लेख किया कि इस निर्णय से सरकार की नीतियों की पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित होंगे और इसके माध्यम से सरकारी सेवाओं में नियुक्तियों की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाया जा सकेगा।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया:
इस कदम को लेकर राजनीतिक और सार्वजनिक क्षेत्रों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे सरकार की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है, जबकि अन्य ने इसे प्रशासनिक प्रक्रिया में अस्थिरता का कारण बताया है।
आगे की दिशा:
अब UPSC को इस निर्देश का पालन करते हुए लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इसके बाद, यह देखना होगा कि क्या कोई नई योजना या नीति बनाई जाएगी, जो सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया को और अधिक स्पष्ट और न्यायपूर्ण बनाएगी।
यह कदम सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता और समान अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, और इसके प्रभाव को आगामी समय में देखा जाएगा।
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