पुनीत कार्य वालों को लिया पोल में, उल्टा पड़ा परिणाम और लगा बुरा तमाचा 1
राजस्थान में पंचायत चुनाव होने में अभी काफी समय है। अभी से लोग चुनावी बिगुल फूंकने लगे हैं। अपनी ही मर्जी से पोल चलाने लगे हैं। इंडिया में हर एक पैंतरा अपनाना लोगों का काम बन गया है। किसी धर्मार्थ कार्य करने वाले व्यक्ति को भी आड़े हाथों ले लिया जाता है। देश भर में पेड़ों की कमी के चलते जहां ऑक्सीजन संकट गहरा रहा है, वहीँ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो वटवृक्ष और पीपल के पेड़ लगा रहे हैं। राजस्थान में ही नहीं, देश भर में इन पेड़ों को धार्मिक स्थलों पर लगाया जाता है। एक पेड़ लगाना किसी यज्ञ से कम नहीं है।
पीपल का पेड़
यह पेड़ काफी ऑक्सीजन देता है। इसमें भगवान् विष्णु का वास होता है। शाम के समय महिलाऐं इसके पास दीपक भी करती है। सुबह के समय पीपल को जल से सींचा जाता है। पीपल में पूजा के कई स्वरूप होते हैं। पीपल ऐसा वृक्ष है जो सैकड़ों जीवों को आश्रय देता है।
पीपल और वटवृक्ष की आयु सैकड़ों वर्ष होती है। हजारों जीवों को रहने के लिए जगह देने वाले वटवृक्ष का आकार काफी बड़ा होता है। जब टीम टोनी सिंह पीपल और वटवृक्ष के पेड़ लगाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए इंतजाम कर रही है तो उनको पोल में जोड़ना गलत है। टीम टोनी सिंह ने सालाना 50 के करीब पौधे लगाने का काम शुरू किया है। इस वर्ष वटवृक्ष और पीपल के पेड़ लगाए हैं।
टीम टोनी सिंह
टोनी सिंह की टीम ने धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। चाहे वो वृक्षारोपण का कार्य हो या मंदिरों में पुनीत कार्य हो। ऐसे कार्यों का बदला लोग पोल से लेंगे। टोनी सिंह को वोट में शामिल करना ऐसे लोगों के मुंह पर तमाचा है। यदि पोल बनाने वाले से ज्यादा वोट टोनी सिंह ले लेता है तो वो मुंह कहाँ छिपाएंगे। टीम टोनी सिंह को वोट करने वाला भी वृक्षारोपण में सहयोग के बराबर है। पुनीत कार्यों में सहयोग करने वालों को तो बख्सा जाना चाहिए। यह व्यथा है टोनी सिंह की। आपको भी 10 सेकंड निकालकर इस पोल बनाने वाले को तमाचा मारना चाहिए।
वोट नहीं, चोट करना है पोल बनाने वाले को। पुनीत कार्य करने वाले टीम टोनी सिंह को समर्थन करें और आप अपने मन की भड़ास भी कमेंट में उतारें।