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सावन 2024: भगवान शिव को क्यों प्रिय है यह महीना और इसका धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व;

श्रवण नक्षत्र: स्वामी भगवान विष्णु

**श्रवण नक्षत्र** हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है, जिसका **स्वामी भगवान विष्णु** हैं। यह नक्षत्र तृतीय तारा समूह में स्थित होता है और इसे श्रवण, श्रविष्ठा, या श्रविष्ठा भी कहा जाता है।

श्रवण नक्षत्र के प्रमुख बिंदु:

-स्वामी देवता**: भगवान विष्णु
– संकेत**: यह नक्षत्र समर्पण, धैर्य, और समर्पण की भावना को दर्शाता है।
– धार्मिक महत्व**: विष्णु भगवान के तत्व का प्रतीक होने के कारण, श्रवण नक्षत्र में विशेष रूप से **विष्णु पूजा** और **विष्णु मंत्र जप** की जाती है।
– लक्षण**: इस नक्षत्र के प्रभाव में लोग आमतौर पर धैर्यशील, सहनशील और धार्मिक स्वभाव के होते हैं।

श्रवण नक्षत्र के समय जन्मे व्यक्ति में भगवान विष्णु की कृपा होती है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।

श्रावण मास और भगवान शिव

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का एक अत्यंत पवित्र महीना है, जो सावन के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना भगवान शिव को विशेष प्रिय है और शिव पूजा का मुख्य समय माना जाता है।

श्रावण मास के प्रमुख बिंदु:

  • धार्मिक महत्व: यह महीना भगवान शिव की आराधना, पूजा और अभिषेक के लिए विशेष रूप से समर्पित है। इस दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाने और भस्म अर्पित करने की परंपरा है।
  • कांवड़ यात्रा: इस महीने में लाखों शिव भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं, जिसमें वे गंगाजल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और पापों से मुक्ति के लिए की जाती है।
  • सोमवार का व्रत: सावन महीने के सोमवार को विशेष व्रत किया जाता है, जिसमें शिवभक्त उपवासी रहकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और शिवस्तवन करते हैं।
  • आध्यात्मिक लाभ: इस महीने की पूजा से भक्तों को शिव का आशीर्वाद, सुख-शांति, और धार्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक बल की वृद्धि होती है।

 

भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का एक अत्यंत पवित्र महीना है, जिसे भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है।

भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास के प्रमुख बिंदु:

  • विशेष महत्व: श्रावण मास भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। इस महीने में विशेष रूप से शिव पूजा की जाती है, और भक्त शिवलिंग पर जल अर्पित कर उनका अभिषेक करते हैं।

  • कांवड़ यात्रा: इस महीने के दौरान कांवड़ यात्रा की परंपरा है, जिसमें श्रद्धालु गंगाजल लेकर भगवान शिव पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है।
  • सोमवार का व्रत: सावन महीने के सोमवार को विशेष व्रत किया जाता है, जिसमें शिवभक्त उपवासी रहकर भगवान शिव की पूजा और मंत्र जाप करते हैं।
  • धार्मिक मान्यता: श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना से उनके भक्तों को शिव की कृपा, सुख-शांति, और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

  • आध्यात्मिक लाभ: इस महीने की पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति, सफलता, और भक्ति की शक्ति मिलती है।

भगवान शिव की पूजा के लिए श्रावण मास सबसे महत्वपूर्ण समय है, और इस दौरान की गई आराधना विशेष फलदायक मानी जाती है।

सारांश

श्रावण मास भगवान शिव की विशेष भक्ति और पूजा का महीना है। यह मास शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और धार्मिक कर्म का सबसे अच्छा समय है।

 

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