राजस्थान के लिए बड़ी खुशखबरी, जल्द खुलने वाले हैं 3 फ्लाइंग स्कूल्स 1
राजस्थान में भाजपा सरकार के आने के बाद से राज्य में विकास के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने आधारभूत संरचना और क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी है।
इस दिशा में हाल ही में सरकार ने नागरिक विमानन नीति 2024 को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देना और पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
नागरिक विमानन नीति 2024
राजस्थान की कैबिनेट ने नागरिक विमानन नीति 2024 को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य के हवाई संपर्क को बढ़ाना और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है।
क्षेत्रीय हवाई संपर्क का विस्तार:
राज्य के विभिन्न हिस्सों में हवाई संपर्क को बेहतर बनाने के लिए किशनगढ़, झालावाड़ और भीलवाड़ा में फ्लाइंग स्कूल खोले जाएंगे।
इन फ्लाइंग स्कूलों के माध्यम से न केवल हवाई संपर्क सुधरेगा, बल्कि युवाओं को पायलट प्रशिक्षण के अवसर भी मिलेंगे।
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण:
कोटा में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। इस एयरपोर्ट के माध्यम से कोटा का संपर्क राज्य के अन्य हिस्सों और देश के प्रमुख शहरों से जुड़ जाएगा।
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से कोटा में पर्यटन, व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा जयपुर में एयरोसिटी बनाए जाने के अलावा वहां होटल, रेस्टोरेंट के साथ कई आधारभूत सुविधाएं भी दी जाने वाली है।
पर्यटन को बढ़ावा:
राजस्थान का पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार ने इस नीति के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं।
बेहतर हवाई संपर्क से राज्य में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
अन्य विकासात्मक कदम
भाजपा सरकार ने आधारभूत संरचना के विकास के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। राज्य में नए स्कूलों, कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नागरिकों की सुविधाओं में सुधार हो सके।
इसके अलावा मिलेंगी सुविधाएं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस जिले में पहला फ्लाइंग स्कूल खोलने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए चीफ लाइंग इंस्ट्रक्टर से लेकर इंजीनियर तक के सभी तकनीकी पदों पर भर्ती की जाएगी। पहले चरण में कोलाना हवाई पट्टी पर 6 एकड़ जमीन का कार्य शुरू किया जाएगा और फ्लाइंग स्कूल के लिए करीब 4 करोड़ रुपए की लागत लगेगी। इस स्कूल के लिए क्लास रूम, हैंगर, पार्किंग वे एवं 4 एकड़ जमीन पर हॉस्टल व प्रशासनिक भवन आदि भी बनाए जाएंगे और यहां पर इच्छुक विद्यार्थी पायलट का प्रशिक्षण लेंगे।