फुलारीटांड़ के युवक की मधुपुर में करंट से मौत

लोग ठेकेदार को बुलाने व मुआवजा देने की कर रहे हैं मांग मधुबन थाना क्षेत्र के फुलारीटांड़ गांव निवासी रमेश सिंह (48) की मधुपुर पावर स्टेशन में कार्य के दौरान मंगलवार को करंट लगने से मौत हो गयी. रमेश को 15 दिन पहले ट्रांसपेड नामक निजी कंपनी ने ठेका में काम कराने के लिए लेकर गया था. मृतक का शव लेकर फुलारीटांड़ पहुंचे एंबुलेंस के चालक मो आजाद तथा दो अन्य ठेकाकर्मियों नरेश महतो व गणेश महतो को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया है. एंबुलेंस चालक मो आजाद बरवाअड्डा का रहने वाला है जबकि नरेश महतो पतरातू तथा गणेश महतो बोकारो के अलकुसा का रहने वाला है. ग्रामीण कंपनी मालिक को फुलारीटांड़ बुलाने तथा मृतक के आश्रित को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. समाचार लिखे जाने तक मृतक का शव एंबुलेंस में ही रखा हुआ था. लोगों का कहना है कि कंपनी प्रतिनिधि के आने के बाद बंधक बनाये लोगों को छोड़ा जायेगा. परिजनों को दी गयी थी घायल होने की सूचना और पहुंचा शव सूचना मिलने पर मधुबन पुलिस पहुंची. पुलिस ने दूरभाष पर ठेका कंपनी से बात कर कंपनी प्रतिनिधि को बुलाया है. मृतक के परिजनों का कहना है कि कंपनी ने रमेश के घायल होने की सूचना दी थी. शाम पौन चार बजे अचानक एंबुलेंस से तीन लोग उसका शव लेकर पहुंचे. इसके बाद मृतक के परिजनों ने रमेश की हत्या करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद लोगों ने शव लेकर आये लोगों को बंधक बना लिया. मामले को लेकर पूर्व मुखिया दिलीप विश्वकर्मा ने पुलिस से मृतक के परिजनों को कंपनी से मुआवजा देने की मांग की है. कैसे हुई घटना : बताया जाता है कि मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे रमेश सिंह मधुपुर पावर स्टेशन में काम कर रहा था. इसी दौरान करंट लगने से वह बेहोश हो गया. तत्काल उसे सदर अस्पताल देवघर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर देख बड़ा अस्पताल ले जाने की सलाह दी. शव लेकर आये कर्मियों ने बताया कि देवघर से रमेश को इलाज के लिए बोकारो ले जाया जा रहा था. रास्ते में उसकी मौत हो गयी. इसके बाद शव लेकर फुलारीटांड़ पहुंचे. रमेश का शव देख पत्नी व बेटियां हो रही थी बेहोश रमेश सिंह का शव फुलारीटांड़ पहुंचते ही उसके घर में कोहराम मच गया. उसकी पत्नी प्रभा देवी, बेटी सुरभि कुमारी, सुमन कुमारी, आहुति कुमारी तथा बेटा सरोथ कुमार शव को देख बिलखने लगे. उसकी पत्नी व बेटियां बार-बार बेहोश हो जा रही थी. उसकी पत्नी कह रही थी कि अब घर कैसे चलेगा. बेटियों व बेटा का लालन-पालन अब कौन करेगा.
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