सीटी स्कैन ने खोला 3 हजार साल पुराने मगरमच्छ का राज, पेट में पाई गई यह दुर्लभ चीज
मिस्र का नाम जब कभी सामने आता है तो कई प्रकार चीजें जहाँ में सामने आ जाती हैं। इस देश के पिरामिडो से लेकर यहां के विभिन्न देवताओं की बहुत सी कहानियां अचानक याद आने लगती है। मिस्र देश मामियो को लेकर भी काफी चर्चा का केंद्र बना रहा है।
अब तक वहां से बहुत सी मामियो को निकाला जा चुका है हालही में मिस्र में एक मगरमच्छ की ममी मिली है। मना जा रहा है की इस मगरमच्छ की बलि नील नदी के देवता सोबेक को चढ़ाई गई थी। अब जीव वैज्ञानिकों के लिए यह प्रश्न चुनौती भरा था की यह मगरमच्छ आखिर किस प्रकार से मरा था, उसने मरने से पहले क्या खाया था और उसका खाया भोजन क्या अभी भी उसके पेट में है अथवा नहीं।
देवताओं को जीव-जंतुओं की भेंट
आपको बता दें की प्राचीन काल में मिस्र में कई परम्पराएं ऐसी थीं। जिनमें देवी देवताओं को जीव-जंतुओं को भेंट किया जाता था अटवा उनकी बलि चढ़ाई जाती थी। कई लोग इस प्रकार के कार्यों को तंत्र मन्त्र से भी जोड़कर देखते हैं लेकिन मिस्र के प्राचीन इतिहास में यह पाया गया है की उस समय प्रत्येक देवता का एक विशेष जंतु से संबंध बनाकर देखा जाता था और उस जंतु को देवता को भेंट चढाने के बाद उसकी ममी बनाकर रख दी जाती थी। बता दें की मिस्र में अब तक कई मगरमच्छों की ममी मिल चुकी है।
मगरमच्छ को किया स्टडी
जानकारी दे दें की इस प्राचीन मगरमच्छ की लंबाई 2.23 मीटर है। यह फिलहाल बर्मिंघम म्यूजियम और आर्ट गैलरी में है तथा इसको रॉयल मैनचेस्टर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में रेडियोग्राफी से स्टडी किया जा रहा है। आप जानते ही होंगे की आज के समय में ऐसे मेडिकल यंत्र उपलब्ध हैं, जिनके सहारे आप किसी के शरीर के अंदर बाहर बिना उसको हानि पहचायें देख सकते हैं। बता दें की जब इस मगरमच्छ के पेट में देखा गया तो इसके पेट में गैस्ट्रोलिथ्स मिले।
आपको जानकारी दे दें की ये छोटे छोटे पत्थर होते हैं, जो की मगरमच्छ की आहार नाल में डॉक्टरों को मिले हैं। इसके अलावा मगरमच्छ के पेट के अंदर मछली पकड़ने वाला कांटा तथा मछली भी मिली है। बताया जाता है की प्राचीन मिस्र के लोग मगरमच्छ को पकड़ने के लिए कांटे में मछली को फंसा कर नदी में डालते थे। यह बात ग्रीक दस्तावेजों में मिलती है। कहा जाता है की इस कार्य के लिए सुअरो को मार कर नदी के किनारे भी रखा जाता था ताकी मगरमच्छ नदी किनारे आसानी से आ सकें।