यह भैस सिर्फ 6 महीने में बना देगी लखपति, कौनसी नस्ल और कैसे करें दूधारू की पहचान 1
भैंस पालन किसी आम को भी ख़ास बना सकता है। हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। हमारे यहां के किसान लोग कृषि के साथ साथ पशुपालन का कार्य भी करते हैं। जो की कृषि कार्य का ही एक अंग होता है। पशुपालन का व्यवसाय कर किसान लोग अपने रोजमर्रा के खर्च को अच्छे से निकाल लेते हैं। यदि आप बेरोजगार नहीं और किसी रोजगार की तलाश में हैं या दूध का कार्य करना चाहते हैं तो पशुपालन का व्यवसाय आपके लिए बेहद लाभप्रद साबित हो सकता है। अतः आज हम आपको भैसों की उन नस्लों के बारे में जानकारी दे रहें हैं। जिनसे आप अच्छी मात्रा में दूध प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
मुर्रा नेसल की भैंस
यदि आप दूध का व्यवसाय करना चाहते हैं तो आप मुर्रा नस्ल की भैंस को पाल सकते हैं। यह भैंस आपको एक बार में 70 से 80 लीटर दूध प्रदान करती है। इस भैंस का वजन 450 से 500 किग्रा तक होता है। इसकी पहली बयात 40 से 42 माह तक की होती है। दूसरी बयात 15 से 16 माह तक की होती है। बयात के समय यह भैंस 5500 से 6000 लीटर दूध प्रदान करती है।
जाफरानी नस्ल की भैंस
जाफरानी नस्ल की भैंस आपकेलिए बरदान साबित हो सकती है। इसका उपयोग भारत में सबसे ज्यादा होता है। इसका वजन 550 किग्रा के लगभग होता है। इसकी पहली बयात 45 से 47 माह की होती है। दूसरी बयात 16 से 17 माह की होती है। बयात के समय यह भैंस आपको 4000 से 5000 लीटर दूध प्रदान करती है तथा प्रति दिन यह बैंस आपको 65 से 70 लीटर दूध प्रदान करती है।
मेहसाना नस्ल की भैंस
इस नस्ल की भैंस का नाम सबसे टॉप पर आता है। इसका दूध नंबर 1 की क्वालिटी का माना जाता है। इसका वजन 500 से 600 किग्रा का होता है। इसकी पहली बयात 46 माह ततः दूसरी बयात 15 से 16 माह की होती है। बयात के समय यह आपको 3500 से 4000 लीटर दूध प्रदान करती है तथा प्रतिदिन यह आपको 70 से 80 लीटर दूध देती है।