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मोदी ने ठाना है, वक्फ को बदलना है। CAA और 3 तलाक के बाद WAQF की बारी !

Waqf Amendment Bill – वर्तमान सरकार के अनुसार वक्फ बोर्ड को सुधार की जरूरत है। केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। वक्फ अधिनियम में संशोधन करने का बिल संसद में पेस किया जा सकता है। इस पर विपक्ष और पक्ष के बीच जोरदार बहस चल रही है। हमने कुछ प्रतिक्रिया और कुछ विवादों के साथ इस अधिनियम को सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है।

विपक्ष का मानना है कि वर्तमान सरकार जो संशोधन ला रही है उसके बारे में किसी भी मुस्लिम पक्ष से बात नहीं कि गई है। आपको इस पूरे संशोधन मामले की जानकारी होनी चाहिए जिससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नीचे दिए गए हैं।

Waqf Amendment Bill | बिल में क्या होगा बदलाव?

वर्तमान केंद्र सरकार मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 में संशोधन करना चाहती है। इस बिल को संशोधित करके दोबारा पारित किया जाएगा। इसके बाद सांसद भी वक्फ बोर्ड के मेंबर बन सकते है। सरकार का तर्क है कि चुकी सांसद को जनता के द्वारा चुनकर लाया जाता है इसलिए उसका धर्म मायने नहीं रखता है। किसी एक धर्म को वक्फ बोर्ड में बढ़कर रखना दूसरे धर्म पर अत्याचार की स्थिति को बढ़ाता है। इसके अलावा सरकार का तर्क है कि वक्फ का टर्ब्यूनल कानून के ऊपर आधारित नहीं है।

आपको बता दे इस अधिनियम को पारित करने के लिए विधेयक गुरुवार यानी आज के दिन संसद में लाया जा सकता है। सरकार चाहती है कि सभी दल इस बिल पर अपनी सहमति स्पष्ट करें। इस बिल को लेकर सरकार करीब पिछले 2 महीने से अलग-अलग ग्रुप से विचार विमर्श कर रही है। अब इस बिल को संशोधित करने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है।

बल के बदलाव का मुख्य मुद्दा

देखिए सरकार चाहती है कि इस बिल के संशोधन को आम सहमति से संसद में पारित किया जाए। लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पता है तो वह इस बिल को किसी संयुक्त समिति को भेजेगी। सरकार इस बिल को पास करके मुसलमान महिला, गरीब मुसलमान, और अनाथ मुसलमान, को न्याय दिलाना चाहती है।

इस बिल का मुख्य मकसद वक्फ बोर्ड को जमीन के अवैध कब्जे से निजात दिलाना है। वर्तमान समय में वक्फ बोर्ड देश के सबसे बड़े भूस्वामी में तीसरे स्थान पर आती है। भारत में सबसे ज्यादा चल अचल संपत्ति इंडियन डिफेंस और उसके बाद इंडियन रेलवे के पास है तीसरे स्थान पर वक्फ बोर्ड आता है। आपको बता दे शुरुआती दोनों सरकार के अधीन है मगर वक्फ एक धार्मिक बोर्ड है।

देश के एक धार्मिक बोर्ड के पास इतनी अधिक चल अचल संपत्ति का होना साफ दर्शाता है कि बोर्ड के द्वारा जमीन का अवैध कब्जा किया जा रहा है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सरकार इसी परेशानी के समाधान के रूप में इस बिल को पास कर रही है।

क्या इस बिल के बाद वक्फ बोर्ड का नाम भी बदलेगा?

वक्फ बोर्ड का पुराना नाम, वक्फ अधिनियम 1995 था। लेकिन अब इसका नाम बदल कर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 कर दिया जाएगा। 

इसके अलावा इसके संशोधन से जुड़े चर्च संसद में आज गुरुवार को होंगे और देखना होगा कि आम सहमति से यह बिल पास हो पता है या नहीं।

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