मुंबई में एक लोकल ट्रेन में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसमें एक टिकट कलेक्टर, एस. जसबीर सिंह, पर तीन यात्रियों ने हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब एस. जसबीर सिंह ने उन यात्रियों से टिकट की मांग की, जो बिना टिकट के यात्रा कर रहे थे।
जब एस. जसबीर सिंह ने यात्रियों से टिकट न होने की जानकारी मिलने के बाद उन्हें जुर्माना देने को कहा, तो उन्होंने न केवल जुर्माना देने से इनकार कर दिया बल्कि टिकट कलेक्टर के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की। आरोपियों ने टिकट कलेक्टर की शर्ट फाड़ दी और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया।
सर्वाधिक चिंता की बात यह है कि ट्रेन में मौजूद कई लोग इस घटना को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर रहे थे, लेकिन किसी ने भी टिकट कलेक्टर की मदद करने की कोशिश नहीं की। वीडियो बनाने में व्यस्त लोगों ने घटना के दौरान किसी भी प्रकार की मदद नहीं की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि समाज में आपसी जिम्मेदारी और सहानुभूति की कमी है।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हमलावरों को गिरफ्तार किया। एस. जसबीर सिंह को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है, और उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
इस घटना ने मुंबई की लोकल ट्रेन प्रणाली में सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और रेलवे अधिकारियों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात की है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आश्वासन दिया है।
साथ ही, इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या समाज केवल वीडियो रिकॉर्ड करने और सोशल मीडिया पर घटनाओं को साझा करने तक ही सीमित रह गया है, जबकि वास्तविक समस्याओं और आपात स्थितियों में सक्रिय मदद और सहानुभूति की आवश्यकता है।
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