मानसून में बकरियों को होती हैं ये बीमारियां, जाने उनके मुख्य लक्षण 1
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी आमदनी का एक प्रमुख साधन है। विशेष रूप से बकरी पालन, किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन चुका है। बकरी के दूध और मांस की बिक्री से किसानों को अच्छी खासी कमाई होती है।
लेकिन मॉनसून के मौसम में बकरियों की देखभाल में कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं क्योंकि इस समय में बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उनके बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं। आइए, जानते हैं इस मौसम में बकरियों में लगने वाले मुख्य रोगों और उनसे बचने के उपायों के बारे में।
बकरी पालन के फायदे
कम लागत, अधिक मुनाफा: बकरी पालन की शुरुआत कम पूंजी में की जा सकती है और इससे मिलने वाले मुनाफे की संभावना अधिक होती है।
दूध और मांस: बकरी के दूध और मांस की बाजार में अच्छी मांग है। इसके अलावा, बकरी का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो इसे और भी मूल्यवान बनाता है।
जल्दी प्रजनन: बकरियाँ जल्दी-जल्दी प्रजनन करती हैं, जिससे उनकी संख्या जल्दी बढ़ती है और किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है।
मॉनसून में बकरियों की देखभाल
मॉनसून के दौरान बकरियों की देखभाल में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस समय में बकरियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे उन्हें बीमारियाँ जल्दी घेर सकती हैं।
मुख्य रोग और उनसे बचने के उपाय
फुट एंड माउथ डिजीज (FMD):
लक्षण: मुंह और खुरों में छाले, बुखार।
बचाव: बकरियों को साफ और सूखे स्थान पर रखें, नियमित रूप से खुरों की सफाई करें और टीकाकरण कराएं।
पेप्टिक अल्सर:
लक्षण: पेट में दर्द, भूख में कमी।
बचाव: बकरियों को संतुलित आहार दें और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराएं।
फ्लू और निमोनिया:
लक्षण: खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई।
बचाव: बकरियों को ठंड और बारिश से बचाने के लिए उन्हें ढके हुए स्थान पर रखें और समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लें।
स्किन इंफेक्शन:
लक्षण: त्वचा पर घाव, खुजली।
बचाव: बकरियों को नियमित रूप से नहलाएं और उनके रहने की जगह को स्वच्छ रखें। संक्रमण होने पर तुरंत उपचार कराएं।