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खेत से आ रही अवाजों से डर गया किसान, राज खुला तो गांव में फैल गई दहशत 1

Wildlife Watcher Hatched King Cobra Eggs:बारिश का मौसम आते ही सापों का का घर पर दिखना या फिर रास्तों, खेतों पर दिखना आम बात है। लेकिन जब किसी के खेत में सांप का बसेरा हो जाए तो लोगों की नींद का उड़ जाना बाजिव है। ऐसा ही एक नजारा  कन्नूर के एक गांव के एक खेत में देखने को मिला। जहां पर एक किसान को अपने खेत पर जाने पर अजीबों गरीब आवाजें सुनाई देने लगीं। जब किसान ने इस बात की जानकारी अपने आसपास के लोगों को बताई, तो खोजने के दौरान वहां का नजारा देखकर लोग सन्न रह गए।

खेत के पास पहुचने के दौरान उन्हें एक विशाल किंग कोबरा सांप देखने को मिला जिसने अंडे दे रखे थे। इसके बाद लोगों ने वन विभाग को जानकारी देते हुए किंग कोबरा को पकड़ने के लिए कहा. सूचना पाते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो आसपास की हलचल पाकर सांप वहां से गायब हो गया।

मगर वन विभाग की टीम ने जब अंडो को देखा तो समझ गए कि सांप इसके आसपास ही होगा।

किंग कोबरा के अंडे देख गांव वाले डरे

गांव वालों में इन अंडों को देखकर किंग कोबरा के साथ इसे भी खेत से हटाने की बात मांग करने लगे। इसके बाद वन विभाग ने इसका एक हल निकाला। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण संगठन- मालाबार जागरूकता और वन्यजीव बचाव केंद्र (MARC) के एक सक्रिय सदस्य शाजी बेक्कलम से बातचीत करके मदद मांगी।

शाजी बेक्कलम ने उस जगह पर पहुचंकर उन जहरीले सांप के अंडों को अपने घर में रखने की बात कहते हुए कोबरा के अंडे से बच्चे पैदा करने के लिए राजी हो गए. उन्होंने अपने गांव के घर में कृत्रिम आवास बनाकर 16 किंग कोबरा के बच्चे पैदा किए हैं।

पुराने मछली टैंक का इस्तेमाल

कोबरा के अंडों से बच्चों को तैयार करने के लिए उन्होनें एक पुराने मछली टैंक का इस्तेमाल किया। शाजी के लिए यह पहली बार नही था इससे पहले भी उन्होनें केरल में कृत्रिम इनक्यूबेटर से किंग कोबरा के अंडे से बच्चे पैदा किए गए हैं। शाजी पिछले 13 वर्षों से वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों में अपने सेवा प्रदान कर रहे हैं।

सांपों को एक हफ्ते में जंगल में छोड़ा जाएगा

शाजी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कृत्रिम सेटिंग में तापमान और आर्द्रता को बनाए रखने की थी। जिके लिए उन्होनें सांप के अंडों को 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा। अंडे 20 अप्रैल को पाए गए थे। अंडे से बच्चो को निकलने में 87 दिन लगे। अब इन सभी बच्चों को एक हफ्ते के भीतर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।


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