Liver Cirrhosis : लिवर सिरोसिस एक शारीरिक स्थिति है जिसमें लिवर के काम करने की क्षमता क्षीण हो जाती है, जिसके परिणाम स्वरुप शरीर में कई समस्याएं हो सकती हैं. लिवर सिरोसिस एक गंभीर शारीरिक स्थिति है जिसमें लीवर में घाव हो जाता है और धीरे-धीरे लिवर खराब हो जाता है, जिससे शरीर में कई तरह के कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं. लिवर सिरोसिस की शुरुआत में इसके कोई खास लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती जाती है वैसे-वैसे इसके लक्षण गंभीर होने लगते हैं, जिनमें से कुछ लक्षण रात्रि समय स्पष्ट हो जाते हैं. रोगी के लिए यह काफी दिक्कत भरे होते हैं. लिवर सिरोसिस के लास्ट स्टेज में इसके तीन प्रमुख लक्षण होते हैं.
Liver Cirrhosis : लिवर सिरोसिस के लक्षण
पेट में पानी भरना
पेट में पानी भरना या जलोदर सिरोसिस का एक आम कॉम्प्लिकेशन है जिसमें पेट में असामान्य रूप से फ्लूड इकट्ठा हो जाता है.या रात्रि समय ज्यादा होता है जिससे रोगी को सांस लेने और सोने में तकलीफ होती है.
यकृत एन्सेफेलोपैथी
यकृत एन्सेफेलोपैथी एक गंभीर स्थिति है जो मस्तिष्क में विशाख पदार्थ जमा हो जाने पर होती है इसके लक्षण होते हैं भ्रम, उनींदापन, व्यवहार में बदलाव और इसके अतिरिक्त लक्षणों में कोमा की स्थिति भी शामिल है.रात के समय या लक्षण बढ़ जाते हैं.
रक्तस्राव
सिरोसिस से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट्स की कमी के चलते खून के थक्के बनने में कठिनाई होती है जिसके परिणाम स्वरूप खून आसानी से भेज सकता है. रात के समय नाक से खून आना, मसूड़े से खून आना या मल से खून आने जैसी समस्या हो सकती है. अगर आपको रात में इस तरह की समस्या होती है तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें और परामर्श लें. ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
Liver Cirrhosis : लिवर सिरोसिस के खतरे को कैसे कर सकते हैं कम?
- ज्यादा शराब पीने से लिवर सिरोसिसहोता हैइसीलिए शराब का सेवनसीमित मात्रा में करना चाहिए.
- सभी फल ,सब्जियां और अनाज का सेवन करने से भी लिवर सिरोसिस का खतरा कम होता है.
- रोज एक्सरसाइज और योग करने से भी कई समस्याओं से राहत मिलती हैं.
- अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करने से लीवर को कई नुकसान से बचाया जा सकता है इसीलिए अपना वजन हमेशा नियंत्रित रखने का प्रयास करें.
- हेपेटाइटिस बी और सी का टीका जरूर लगाएया वायरस लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं और प्रक्रिया का कारण भी बन सकते हैं.
- नियमित रूप से डॉक्टर से शारीरिक जांच करना बेहद जरूरी होता है इससे समय रहते परेशानी का पता चल जाता है और उसका इलाज संभव होता है .