केंद्र सरकार ने UPSC में लेटरल एंट्री पर लगाई रोक, कांग्रेस ने कहा मजबूर होकर लिया फैसला
UPSC News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर UPSC में लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है. इसकी जानकारी कार्मिक मंत्री ने UPSC चेयरमैन को पत्र लिखकर दी है. बता दें की केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती (Lateral Entry) का विज्ञापन निकाला था. अब केंद्र सरकार द्वारा लेटरल एंट्री के इस विज्ञापन पर रोक लगाने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है की उन्होंने मजबूर होकर यह फैसला लेना पड़ा है.
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‘आरक्षण के अंत के द्वार खोलने वाला था केंद्र का यह फैसला’, जयराम रमेश
UPSC में लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र द्वारा रोक लगाने पर कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने 10 वर्षों तक एकतरफा तरीके से काम किया है. अब, वह वास्तविकता के आमने-सामने आ गए हैं. वह अब एकतरफा तरीके से काम नहीं कर सकते. 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया गया था. ये सलाहकार पद नहीं हैं. ये संयुक्त सचिव, निदेशक और सचिवालय के पद हैं जिनके लिए भारत के संविधान के प्रावधान लागू होते हैं. तो, यह आरक्षण के अंत का द्वार खोलना था. यह नागरिक नौकरशाही में अग्निवीर को लाना था. आपने सशस्त्र बलों में अग्निवीर को लाकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है.
कांग्रेस ने कहा संविधान पर हमला था लेटरल एंट्री का कांसेप्ट
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा, “अब आप नागरिक नौकरशाही के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और भारत के अन्य राजनीतिक नेताओं ने कहा कि यह संविधान पर हमला है. यह आईएएस और नागरिक नौकरशाही का निजीकरण है और हमने इसे वापस लेने की मांग की. आज, अचानक, वे मजबूर हो गए हैं… पीएम को इस वास्तविकता का सामना करना पड़ा है कि पूरे देश में इस लेटरल एंट्री योजना पर गुस्सा था.”
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