सांप की जीभ में है कई रहस्य, 4 काम आती है ये जीभ 1

आप सभी के जानकारी के लिए हम बता देना चाहते हैं कि जैसे-जैसे गर्मी का मौसम खत्म हो रहा है, लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं ताकि ठंडक मिल सके। बारिश के मौसम में हरियाली बढ़ जाती है और जीव-जंतु भी इधर-उधर हो जाते हैं, खासकर सांप जो अपने बिलों से बाहर निकलने लगते हैं।
बारिश के मौसम में नाग जैसे सांप सड़कों और घरों के आसपास दिखाई देने लगते हैं। क्या आपने ध्यान दिया है कि सांप रेंगते समय अपनी जीभ को बार-बार अंदर-बाहर करते रहते हैं? आइए जानते हैं कि वे ऐसा क्यों करते हैं और इसके पीछे का कारण क्या है।
सांप के जीभ निकालने का कारण
आपको बता दें कि सांप बार-बार जीभ को बाहर निकालकर अपने आसपास की चालढाल को महसूस करते हैं। उनकी जीभ उन्हें बचाए रखने में मदद करती है क्योंकि वे इसके मदत से आस-पास के खतरों का पता लगाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर किसी भी प्रजाति का सांप बार-बार अपनी जीभ निकाल रहा होता है, तो वह अपने आसपास के खतरे को पहचानने की कोशिश कर रहा होता है। सांप अपनी जीभ से वातावरण को नाक हैं और वहां मौजूद खतरों को महसूस करते हैं।
जीभ से खतरे का आभास
सांपों में देखने और सुनने की क्षमता बहुत कम होती है। इसलिए वे अपने आसपास की आवाजों को सुनने के बजाय महसूस करते हैं। इसी कारण वे बार-बार जीभ निकालकर वातावरण में हो रही चालढाल को पहचानने की कोशिश करते हैं। सांप अपनी जीभ से वातावरण में मौजूद छोटे-छोटे नमी के कणों को इकट्ठा करके उन्हें अपने जैकबसन अंग में डालते हैं, जो उनके मुंह के ऊपरी हिस्से में होता है। जैकबसन में पहुंचने पर रासायनिक सम्पत्ति इन कणों में घुल जाते हैं और सांप के दिमाग को सूचना भेजते हैं।
खतरे की पहचान
जब सांप की जीभ पर बाहरी वातावरण से इकट्ठा हुए कण जैकबसन में पहुंचते हैं, तो वहां मौजूद रासायनिक सम्पत्ति इन कणों को तैयार करते हैं। इससे सांप उस जगह की गंध को पहचानकर खतरे का पता लगा लेते हैं। इस प्रकार, सांप अपनी जीभ के मदत से खतरे का आभास करते हैं और सावधान हो जाते हैं। इसके अलावा सांप अपने बाहरी खतरों की जानकारी के लिए बार-बार अपनी जीभ को बाहर निकालते हैं।