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विनेश फोगाट के संन्यास पर साक्षी मलिक का बड़ा बयान, कहा- तुम नहीं हारी, ये पूरे भारत की हार है…

नई दिल्ली: ओलंपिक के इतिहास में 50 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत की झोली में मेडल आते आते चूक गया। दरअसल 50 किलोग्राम भार वर्ग में फ्रीस्टाइल कुश्ती में विनेश फोगाट ने एक के बाद एक दुनिया के धुरंधर पहलवानों को धूल चटा दी,उससे देश के 140 करोड लोगों को मेडल की उम्मीद जागी। लेकिन फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश फोगाट को जिस तरह से डिस क्वालीफाई किया है वह पूरे देश के लिए झटके से कम नहीं है।

पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम भार वर्ग फ्री स्टाइल कुश्ती में विनेश फोगाट ने जिस तरह से दुनिया के नंबर वन पहलवान को पटखनी देकर जीत हासिल की और फाइनल तक पहुंची यह एक बड़े योद्धा की निशानी है।

ओलंपिक के नियमों की भेंट चढ़ीं विनेश

आपको बता दे ओलंपिक में कुश्ती के नियम के अनुसार जब पहलवान पहली बार ओलंपिक में खेलने के लिए उतरता है उस समय उसका वजन किया जाता है, और फाइनल में पहुंचने पर कुश्ती से पहले दोबारा वजन होता है। विनेश ने शुरुआत में 50 किलोग्राम में क्वालीफाई कर लिया। लेकिन जब फाइनल में पहुंची और फाइनल में उनका वजन लिया गया उसमें वे 50 किलो से ज्यादा निकली। ओलंपिक के नियमों को पूरा करने के लिए विनेष के कोच, डॉक्टर और फिजियोथैरेपिस्ट लगातार पूरी रात प्रयास करते रहे। यहां तक कि विनेष के बल और नाखून तक काटे गए, लेकिन विनेष तो भी उस बाउंड्री लाइन तक नहीं पहुंच पाई। और उनका 100 ग्राम वजन ज्यादा निकला।

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साक्षी मलिक  का बयान

विनेष के साथ हुई इस घटना से ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक को भी करारा झटका लगा है। साक्षी मलिक ने कहा यदि उनका वश चले तो वह इस योद्धा को अपना मेडल दे दें लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है। आपको बता दें साक्षी मलिक ने साल 2016 में रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया था। साक्षी मलिक ने कहा हम पहलवानों के लिए रेसलिंग मैदान में उतारना और कुश्ती लड़ना आसान है अपेक्षाकृत वजन को बनाए रखने में।

जब साक्षी मलिक ने सुना कि विनेश 50 किलोग्राम वजन को बनाए रखने के लिए ब्लड डोनेट करने की कोशिश की जिससे साक्षी को काफी झटका लगा। साक्षी मलिक ने बताया कि पहलवानों के लिए कुश्ती लड़ना तो आसान है लेकिन नियमों का पालन करना सबसे कठिन काम है कई बार रेसलर को बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है इसके लिए।



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