रेलवे ने चलाई भारत की सबसे लंबी ‘ब्रह्मास्त्र’ ट्रेन, 4 मालगाड़ियों को जोड़कर बनी ट्रेन 1

रेलवे ने 232 डिब्बों वाली सबसे लंबी ट्रेन को चलाया। भारत की इस सबसे लंबी ट्रेन के इंजन से लेकर पीछे गार्ड की बोगी तक जाने के लिए आपको करीब पौने तीन किलोमीटर तक चलना पडेगा।
बता दें कि बीते मंगलवार को रेलवे ने पहली बार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चार मालगाड़ियों को जोड़कर इस ट्रेन को पंडित दीन दयाल मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से डेहरी आनसोन होते हुए धनबाद तक चलाया था। भारत की सबसे लंबी इस मालगाड़ी ट्रेन को ‘ब्रह्मास्त्र’ नाम दिया गया है।
इस ब्रह्मास्त्र ट्रेन को चलाने से एक दिन पहले सोमवार को इसी कॉरिडोर में एक साथ तीन मालगाड़ियों का जोड़कर 58-58 डिब्बों की ‘त्रिशूल’ ट्रेन को चलाया गया था।
हाजीपुर रेलवे जोन के शेयर की जानकारी
भारत की इस सबसे लंबी ट्रेन के बारे में हाजीपुर रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि डीडीयू से सोननगर, जपला, गढ़वा होते हुए धनबाद के टोरी स्टेशन तक इसको चलाया गया था। त्रिशूल मालगाड़ी ट्रेन 690 मीटर लंबी है और इस ट्रेन में 232 डिब्बों को जोड़कर ट्रायल किया गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रह्मास्त्र ट्रेन डीडीयू के गंजख्वाजा से रात लगभग 21.17 बजे धनबाद मंडल के टोरी स्टेशन के लिए निकली थी और करीब 37.5 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति के साथ 335 किलोमीटर चलने के बाद ‘ब्रह्मास्त्र’ टोरी पर 07.25 बजे पहुंची थी।
व्यस्ततम रेल मंडलों में डीडीयू भी शामिल
जिस भी मार्ग से ये ट्रेन गुजरी, वहां के रेल कर्मियों और आम लोगों के लिए यह चर्चा का विषय बनी रही। पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल रेल परिचालन को गतिमान रखने के साथ ही धनबाद मंडल से कोयला आदि के त्वरित परिवहन के लिए परीक्षण कर लदान के लिए तैयार खाली मालगाड़ियों को नियमित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस ‘ब्रह्मास्त्र’ ट्रेन के सफल परिचालन से पूर्व मध्य रेल की परिचालनिक दक्षता को बढ़ाने और माल लदान एवं परिवहन में और तेजी लाने में मदद मिलेगी।