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रेड कंधारी गाय से करें जमकर कमाई, साल भर देती है दूध 1

नई दिल्ली: भारत कृषि प्रधान देश है। यहां के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी अपना मुख्य व्यवसाय मानते हैं। देसी गाय पालकर उसके गोबर की खाद का किसान अच्छा खासा उपयोग करते हैं। लेकिन गाय को पालने में आने वाली लागत और उससे मिलने वाला दूध किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता  है। देसी गाय साल में 6 महीने दूध देती है और दूध का उत्पादन भी काफी कम होता है इसलिए किसानों को ऐसी गाय पालनी चाहिए जो दूध का ज्यादा उत्पादन दे, और फायदेमंद भी हो।

यदि आप भी अपने घर में शुद्ध दूध और गोबर के लिए गाय पालना चाहते हैं तो आपके लिए रेड कंधारी गाय सबसे अच्छी नस्ल मानी जा सकती है। इसगायको पालने से आप इससे लंबे समय तक कमाई कर सकते है। यह गाय  साल में 8 महीने से ज्यादा समय तक दूध देती है। रेड कंधारी गाय की कीमत भी देसी गाय से थोड़ी कम ही है इसीलिए किसानों के लिए रेड कंधारी गाय सबसे उचित मानी गई है।

यदि रेड कंधारी गाय के नस्ल की बात करें तो जानकार बताते हैं यह गाय महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के कंधारी क्षेत्र में पाई जाती है इसीलिए इसका नाम रेड कंधारी रखा गया है। रेड कंधारी गाय के वजन और ऊंचाई की बात करें तो यह देसी गाय के लगभग बराबर होती है इसकी ऊंचाई 128 सेमी और इस नस्ल की गायों का माथा चौड़ा व कान लंबे और मध्यम आकार के होते है। इनकी सींग घुमावदार होते हैं।

किसानों द्वारा गाय पालने में बजट को देखा जाए तो रेड कंधारी गाय हर दृष्टि से किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि देसी गाय भी लगभग 25 से 30000 में मिलती है लेकिन देसी गायक में दूध का उत्पादन कम होता है। जबकि रेड कंधारी गाय कद काठी में देसी गाय के बराबर होती है और इसकी भी कीमत 28 से 30000 के आसपास होती है। लेकिन यह गाय डेढ़ लीटर से लेकर 5 लीटर तक दूध देने वाली होती है। इसीलिए रेड कंधारी गाय पालन फायदे का सौदा साबित हो सकता है।


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