यूपी कोर्ट ने 23 साल पुराने मामले पर संजय सिंह की गिरफ़्तारी पर सुनाया फैसला

आपको बता दें की आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह पर एक बार फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। असल में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की कोर्ट ने दो दशक से पुराने मामले में संजय सिंह तथा अनूप संडा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। असल में संजय सिंह पेशी पर नहीं आये थे, जिस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें तथा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए स्थानीय पुलिस को आदेश दिया है।

गैर-जमानती वारंट हुआ था जारी

आपको बता दें की AAP सांसद संजय सिंह तथा अन्य आरोपियों के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। यह 23 साल पुराना मामला है और इस पर अगले मंगलवार को सुनवाई होनी थी। आरोपियों के कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने संजय सिंह सहित अन्य चार आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश स्थानीय पुलिस को दिया है तथा आने वाली 28 अगस्त को इन्हें कोर्ट में पेश करने को कहा है।

हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका

सांसद संजय सिंह के वकील मदन सिंह का कहना है की संजय सिंह सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध 13 अगस्त को गैर-जमानती वारंट को जारी किया गया था। इस केस में मंगलवार को सुनवाई हुई थी। वकील का कहना है की संजय सिंह तथा सांडा की जमानत याचिका को हाईकोर्ट लखनऊ में दाखिल किया गया है, जिस पर 22 अगस्त को सुनवाई होनी है।

यह है पूरा मामला

आपको बता दें की यह 19 जून 2001 का मामला है। उस समय सपा विधायक अनूप सांडा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। यह प्रदर्शन खराब बिजली आपूर्ति के खिलाफ था। इस प्रदर्शन में संजय सिंह के साथ में पूर्व पार्षद कमल श्रीवास्तव, संतोष, सुभाष चौधरी तथा विजय कुमार ने भी हिस्सा लिया था। जिसके बाद में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था तथा विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने 1 जनवरी 2023 ने संजय सिंह सहित 6 आरोपियों को तीन माह की कैद की सजा हुनाई थी। अब एमपी/एमएलए कोर्ट ने बीते 6 अगस्त को इन आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था और इनके पेश न होने पर इन सभी के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट को जारी किया गया था।

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