फोन पर आये ट्रैफिक नियम उल्लंघन का चालान, तो ऑनलाइन भरने से पहले हो जाएं सावधान,साइबर ठगों ने अपनाया है नया तरीका
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फोन पर आये ट्रैफिक नियम उल्लंघन का चालान, तो ऑनलाइन भरने से पहले हो जाएं सावधान,साइबर ठगों ने अपनाया है नया तरीका
कुणाल यादव (उप संपादक)
झारखंड: साइबर ठगों ने अब लोगो को ठगने का एक नया तरीका आजमा रहे हैं . ठगी का नया तरीका है फर्जी ई-चालान का. दरअसल अब छोटे छोटे शहरों और कस्बों मे भी ट्रैफिक पुलिस या अन्य पदाधिकारियों के द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर ऑनलाइन चालान काटा जाने लगा है जिसका मैसेज गाड़ी के मालिक के मोबाईल पर चला जाता है। साइबर ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं। वाहन के चालान का डर दिखाकर साइबर ठग अपने जाल में फांसने की कोशिश कर रहे हैं. इसे लेकर क्लाउडसेक ने रिपोर्ट जारी कर लोगों को अलर्ट किया है. वही हजारीबाग पुलिस ने भी ठगी से बचने के लिए लोगो से सावधानी बरतने की अपील की है। इस संबंध मे जानकारी दी गई की परिवहन विभाग के द्वारा चालान के लिए जो लिंक दिया जाता है वो है जबकी ठगों के द्वारा जो लिंक दिया जाता है वो है। ठगों के द्वारा जो लिंक दिया जाता है उसपर क्लिक करते ही वे आपके बैंक खाता को हैक कर उससे पैसे उड़ा देते हैं।
एक साइबर सिक्योरिटी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वियतनाम से साइबर अपराधियों के ग्रुप्स भारतीय यूजर्स को टागरेट कर रहे हैं. भारतीय यूजर्स को अपने जाल में फंसाकर लूटने के मकसद से ई-चालान के फर्जी मैसेज भेज रहे हैं.
ई-चालान के ऐसे मैसेजेस में एक लिंक के साथ आते हैं. इस पर क्लिक करने से यूजर के मोबाइल फोन में मलिशियस ऐप इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद यह ऐप अपना काम करना शुरू कर देता है और सबसे पहले परमिशन लेने लग जाता है. इसके बाद यह फोन कॉल, मैसेज आदि का ऐक्सेस ले लेता है.
व्रॉम्बा फैमिली का यह मैलवेयर पहले तो फोन में कॉल और मैसेज आदि चीजों का ऐक्सेस ले लेता है. यह वन-टाइम पासवर्ड और अन्य संवेदनशील मैसेजेस को इंटरसेप्ट करता है, जिससे हैकर्स शिकार के बैंक अकाउंट डीटेल्स तक पहुंच जाते हैं और पैसे उड़ा ले जाते हैं.