पीरटांड़ में डायरिया का कहर जारी, 12 वर्षीय मासूम की मौत
पीरटांड में डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार शाम में डायरिया चपेट में आने से 12 वर्षीय एक बच्चे की जान चली गयी. इससे पहले चतरो व सिंदरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. सप्ताहभर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि लगभग 100 मरीजों का इलाज जारी है. कुछ का गांव में तो कुछ को सीएचसी लाकर इलाज किया जा रहा है. वहीं कुछ लोगों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें गिरिडीह व डुमरी रेफर कर दिया गया. झामुमो नेता अशोक हेंब्रम ने कहा कि पीरटांड़ में डायरिया ने महामारी का रूप ले रखा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग सो रहा है. जबकि अभी तक सर्वे हो जाना था और गांव-गांव में डीडीटी व ब्लीचिंग का छिड़काव शुरू होना था. लेकिन अब तक विभाग के अधिकारी इतना भी नहीं कर सके.
अस्पताल बंद होने से इलाज के अभाव में गयी मासूम की जान
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर शाम मोनाटांड़ के गुड्डा मुर्मू का 12 वर्षीय बेटा अमित मुर्मू बीमार हुआ और गांव में दवा ली. रात में हरलाडीह पीएचसी बंद था. इस कारण पीड़ित का इलाज नहीं हो पाया और उसने दम तोड़ दिया. डायरिया से मौत का यह तीसरा आंकड़ा है. इससे पहले चतरो व सिंदरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
स्वास्थ्य विभाग ने किया शो-कॉज, पूछा- क्यों बंद था अस्पताल
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग प्रबंधन ने तीन स्वास्थ्य कर्मियों को शो-कॉज कर जवाब मांगा है. कि आखिर अस्पताल बंद क्यों था. इधर बीपीएम सरिता कुमारी ने बताया कि अभी के आधुनिक युग में इतनी सुविधा है कि पेशेंट को लेकर पीरटांड़ आ जाना चाहिए था. यहां 24 घंटे कर्मी रहते हैं. हरलाडीह के बीरेंद्र पंडित ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इतना लापरवाह हो गया है कि कल से आज तक अस्पताल बंद है. जबकि अस्पताल 24 घंटे खुला रहना है. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एडवर्ड केरकेट्टा ने बताया कि अमित मुर्मू की मौत घर पर हुई है.
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