नई दिल्ली में Enforcement Directorate (ED) ने लद्दाख और कुछ दूसरे जगहों पर एक ‘फर्जी’ क्रिप्टोकरेंसी Investment कंपनी के खिलाफ छापेमारी की। इस दौरान एक करोड़ रुपये नकद और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। ED ने बताया कि लेह, जम्मू और हरियाणा के सोनीपत में 2 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत ये छापेमारी की गई। यह पहली बार है जब ED ने लद्दाख में छापा मारा है।
एमोलिएंट क्वाइन कंपनी की ठगी
ED के मुताबिक , लेह और दूसरे जगहों के लोगों को धोखा देने के मामले की जांच हो रही है। इन लोगों को ‘एमोलिएंट क्वाइन’ नाम की नकली क्रिप्टोकरेंसी में Investment करने पर 10 महीने में पैसा दोगुना करने का वादा किया गया था। सोनीपत का नरेश गुलिया ‘एमोलिएंट क्वाइन लिमिटेड’ नाम की कंपनी के जरिए इस फर्जी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा दे रहा था। यह कंपनी सितंबर 2017 में ब्रिटेन में बनाई गई थी।
झांसा: 10 महीने में दोगुना पैसा
ED का आरोप है कि लेह में जम्मू के अजय कुमार चौधरी और चरणजीत सिंह उर्फ गरीब लोग खाते तथा स्थानीय व्यक्ति अत्तिउल रहमान मीर फर्जी क्रिप्टोकरेंसी निवेश कंपनी चला रहे थे। निवेशकों को वादा किया गया था कि 10 महीने में उनका पैसा दोगुना हो जाएगा और फर्जी crypto currency के Marketing से उन्हें कमीशन भी मिलेगा।
FIR और जांच
इसके अलावा ED की यह जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मार्च 2020 में दर्ज की गई FIR पर तैनात है। तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, डिजिटल जैसे और एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। हालांकि, ED ने यह नहीं बताया कि एक करोड़ रुपये कहां से या किस परिसर से मिले।
ED की कार्रवाई
ED की छापेमारी से यह साफ हुआ कि फर्जी क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही थी। ED ने अपने तलाशी अभियान के दौरान एक करोड़ रुपये नकद, संपत्ति के कागजात और डिजिटल जैसा जब्त किए।
निष्कर्ष
ED की इस कार्रवाई से फर्जी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी का पर्दाफाश हुआ और कई लोगों को ठगे जाने से बचाया गया। यह पहली बार है जब ED ने लद्दाख में इतनी बड़ी छापेमारी की है, जिससे यह साबित होता है कि ED ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को गंभीरता से ले रही है। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से और भी फर्जी कंपनियों पर रोक लगेगी और लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा।