तेजी से बिगड़ है धरती का संतुलन, दिन और रात के समय में आ रहा बदलाव 1

नई दिल्ली। आज हमारा देश जितनी तेजी से विकास की ओर जा रहा है। उतनी ही तेजी से इस देश में तकनीनी कामों के साथ साथ नए नए मिशन छोडें जा रहे है। भारत ही नही अन्य देशों में प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसका अंजाम ये देखने को मिल रहा है कि धरती अपने घूमने की गति बदल रही है। पृथ्वी असंतुलित होकर लड़खड़ाती नजर आ रही है आपको भले ही इस बात की जानकारी ना हो लेकिन शोधों से पता चल रहा है कि अब दिन का समय बढ़ता जा रहा है। और रातें खत्म होती नजर आ रही है।
एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। धरती पर हो रहे इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है। जिसे अब सुधारा भी नही जा सकता है। जलवायु परिवर्तन की वजह से अब इस धरती पर बड़ी आफत आने वाली हैं। क्योंकि क्लाइमेट चेंज का असर पृथ्वी के केंद्र तक पहुंच गया है.
यदि समय की गणना करें तो हमारी धरती पर एक दिन में करीब 86,400 सेकेंड होते हैं। इसकी सटीक गणना नहीं की जा सकती, क्योंकि पृथ्वी का हर रोटेशन कुछ मिलिसेकेंड्स बदल भी जाता है इसकी वजह है टेक्टोनिक प्लेट्स में मूवमेंट, पृथ्वी के कोर यानी केंद्र में बदलाव और चंद्रमा के साथ गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव के अलावा जलवायु परिवर्तन।
इंसानों द्वारा किया गया क्लाइमेट चेंज
धरती पर हो रहे जलवायु परिवर्तन से धरती के दिन के समय बदल रहे है। जिसमें दिन बड़ा और रात छोटी होने लगी है। इतना ही नही धरती के ध्रुवीय इलाकों में बर्फ के पिघलने की दर भी तेजी से बढ़ती जा रही है. खासतौर से ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में। क्योंकि ग्लोबल वॉर्मिंग से समंदर का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।