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कैसे है HIV, AIDS से भिन्न ?

HIV Infection and AIDS : भारत के कई हिस्सों को अपना शिकार बना चुकी यह गंभीर बीमारी एड्स और एचआईवी संक्रमण ने पूर्वी राज्य त्रिपुरा समेत कई राज्यों में अपना डेरा डाल लिया है. कुछ समय पहले त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (TSACS) की जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 से मई 2024 तक कुल 828 छात्र एचआईवी पॉजीटिव पाए गए हैं, जिनमें से 47 छात्र की मौत भी हो चुकी है. यह सभी मौतें ड्रग्स के सिरिंज से होने वाले संक्रमण से हुई है. और तो और अमेरिका के आंकड़ों से यह पता चला है कि इस संक्रमण ने दुनिया भर में लगभग चार करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है. भारत में यह आंकड़े 23 लाख की संख्या को पार कर रहे हैं, और दुख की बात यह है कि लोगों को इस संक्रमण के लिए सही इलाज भी नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से हर मिनट एड्स की वजह से एक जान जाती है. इनमें से ज्यादातर लोग त्रिपुरा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य से है.

HIV Infection and AIDS : एचआईवी संक्रमण और ऐड्स में क्या है अंतर?

एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) यह एक वायरस है इसके संक्रमण से ऐड्स की बीमारी होती है. एचआईवी संक्रमण की आखिरी स्टेज को ऐड्स ((एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम) कहा जाता है, इस संक्रमण और बीमारी की स्थिति में शरीर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को खोने लग जाता है क्योंकि यह वायरस हमारे शरीर में बन रही सफेद रक्त कोशिकाओं पर वार करता है और उसकी संख्या को बहुत ज्यादा निम्न कर देता है. जिसकी वजह से मरीज के लिए सादा खांसी, जुकाम भी एक बड़ी बीमारी जैसा बन जाता है. इस वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करना भी काफी कठिन हो जाता है, धीरे-धीरे करके यह संक्रमण ऐड्स में बदल जाता है और मरीज कमजोर हो जाता है, जिसकी वजह से उसे कई सारी बीमारियां पकड़ लेती हैं. यह होने के बाद धीमे-धीमे वह बीमारियां उसके शरीर को शिथिल करती जाती हैं और इससे अंत में मरीज की मौत भी हो सकती है. हालांकि,इस संक्रमण का पहली स्टेज में इलाज करने पर व्यक्ति ठीक हो सकता है, लेकिन आमतौर पर अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं संभव है.

HIV Infection and AIDS : एचआईवी शरीर में कैसे करता है अपना काम ?

विशेषज्ञों के अनुसार टी सेल्स, संक्रमण से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक होती है लेकिन एचआईवी इन cd4 यानी की टी सेल्स को अपना निशाना बनाता है, और उन्हें खत्म कर देता है धीमे-धीमे इन सेल्स में कमी आने लगती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे शरीर कई तरह के संक्रमण एवं कैंसर के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाता है और छोटी बीमारी भी उसे पर बहुत गहरा असर डालती है. अगर इस संक्रमण का समय रहते इलाज न कराया गया तो यह ऐड्स में तब्दील हो जाता है. एड्स की स्थिति में शरीर का डिफेंस मेकैनिज्म काफी ज्यादा कमजोर हो जाता है जिसके कारण मरीज धीमे-धीमे बीमारियों का शिकार एवं कमजोर होने लगता है.

HIV Infection and AIDS : एचआईवी से बचाव के नियम

  • यौन संबंध बनाते वक्त कांट्रेसेप्शन का उपयोग करना अति आवश्यक होता है.
  • नशीली दावों की सिरिंज को शेयर ना करें.
  • अस्पतालों में इलाज करवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें की कोई भी आप पर पहले से इस्तेमाल की हुई सुई का उपयोग ना करें, इसके प्रति काफी जागरूक और समझदार बनें.
  • नियमित रूप से अपनी और अपने पार्टनर की एचआईवी जांच जरुर करवाएंं.
  • इसके अलावा आपके डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई दवाइयां एवं परहेज के नियमों का पालन सही से करे.
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