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उपभोक्ताओं को अनियमित बिजली आपूर्ति से नहीं मिल रही निजात

मधुबनी. एक सर्किट लाइन से शहर में हो रही बिजली की आपूर्ति के कारण उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली नहीं मिल रही है. पिछले तीन दिनों से शहर में बिजली की समस्या के कारण उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बिजली विभाग के अभियंता फॉल्ट का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. बीते शुक्रवार से सोमवार तक शहर में संचालित सभी छह फीडर से उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पायी.
किस फीडर से कितनी मिली बिजली
विद्युत उपशक्ति केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार शहर के तकरीबन 32 हजार उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली देने के लिए 6 फीडर बनाया गया है. कोसी फीडर, ओल्ड फिडर, न्यू फीडर, इमरजेंसी फीडर, मंगरौनी फीडर व हवाई अड्डा फीडर के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली दी जाती है. शुक्रवार को मंगरौनी फीडर व हवाई अड्डा फीडर में खराबी आ जाने के कारण इस फीडर से महज 8 से 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हुई. जबकि कोसी फीडर सहित अन्य फीडरों में भी मात्र 12 से 15 घंटे ही बिजली की आपूर्ति की गई. शनिवार को 11 हजार लाइन में आयी खराबी के कारण शहर के सभी फीडर की बिजली बाधित रही. 11 हजार लाइन को दुरुस्त करने के बाद भी चार फीडर में लोकल फॉल्ट के कारण घंटों बिजली बाधित रही. रविवार को रामनगर से मधुबनी विद्युत उपशक्ति केंद्र के बीच 33 हजार व 11हजार की बिजली तार में सटे पेड़ की टहनी को हटाने के दौरा सात घंटे तक सभी फीडर की बिजली बाधित रही. सात घंटे के बाद जैसे ही बिजली की आपूर्ति शुरू हुई कि मंगरौनी फीडर व हवाई अड्डा फीडर में लगातार हुए लोकल फॉल्ट के कारण 10 घंटे तक उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिली. जबकि चकदह फीडर में लगातार उपभोक्ताओं को 32 घंटे बिजली नहीं मिलने के कारण उपभोक्ताओं को बाहर जाकर मोबाइल चार्ज करने के साथ बाजार से पानी खरीदना पड़ा. बीते सोमवार को भी पेड़ की टहनी को कटने के नाम पर शहर के सभी फीडर का लाइन घंटों बाधित रही.
उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठाते अभियंता,
मिली जानकारी के अनुसार जितनी देर बिजली बाधित रहती है उतनी देर तक उपभोक्ताओं का फोन विभाग के कर्मी नहीं रिसीव करते हैं. उपभोक्ता फूलदेव यादव, राजीव कुमार झा ने कहा है जब तकबिजली आपूर्ति बाधित रहती है तब तक विभाग के अभियंता का फोन बिजी मोड में रहता है. विद्युत उपशक्ति केंद्र का जो सार्वजनिक नंबर है वह भी बीजी रहने के कारण उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चल पाता कि कितनी देर में बिजली दी जाएगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
बिजली विभाग के सहायक अभियंता सुधांशु कुमार कहा कि जब लाइन में कोई फॉल्ट होती है तो उस समय एक साथ कई जगह से फोन आने लगता है. जिसकी वजह से सभी उपभोक्ताओं से बात नहीं हो पाती है. दो दिन से पेड़ की टहनी हटाने के लिए दिनभर फील्ड में रहना पड़ा. उस समय बात करना मुश्किल हो जाता है. मिस्त्री की कमी के कारण लोकल फॉल्ट को दुरुस्त करने में समय लग जाता है.

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