इस रॉयल के सामने अंबानी जैसे लोग भरते थे पानी, 50 रॉल्स कारों का काफिला 1
नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में इस समय मुकेश अंबानी का नाम टॉप लिस्ट में आता है। इसके अलावा गौतम अडानी और टाटा जैसी हस्तियां भी है जो अमीरो की लिस्ट में गिनी जाती है। हमारा देश वैसे तो हमेशा से ही अमीरो के लिए जाना जाता रहा है। तभी तो अजादी से पहले तक देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसी तरह की अमीरो की लिस्ट में एक ऐसा भी इंसान रहा, जिसके पास अपार पैसा होने के बाद में भी रोल्स-रॉयस मोटर कार्स लिमिटेड ने उन्हें कार बेचने से मना कर दिया था। जिसका अंजाम यह हुआ कि इस शख्स ने रॉयस मोटर की कई कारों को खरीद कर कचड़ा फेकने के काम में लगा दिया।
आज हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे है उनका नाम मीर उस्मान अली खान (Usman Ali Khan) था, जो 1947से 1911 के बाद तक हैदराबाद के निज़ाम रहे। हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली खान के पास हीरे-सोने और नीलम-पुखराज जैसे बहुमूल्य रत्नों की खान थी। इतना ही नही कहा जाता था कि उनके बगीचों में सोने की ईंटों से भरे ट्रक खड़ा रहा करते थे। यह नबाब लग्जरी कारों का बड़ा शौकिन था।
प्राइवेट प्लेन और रोल्स रॉयस कारें
मीर उस्मान अली खान के पास हमेशा एक हीरा रहा करता था जो 185 कैरट का जैकब हीरा था, जिसका इस्तेमाल वो पेपरवेट के लिए पर करते थे। उस हीरे की कीमत 1340 करोड़ रुपये थी। इनके पास 50 रोल्स रॉयस कारें थीं। उस समय ही उनके पास प्राइवेट प्लेन भी था।
संपत्ति होने के बाद भी रहते थे साधारण
मीर उस्मान अली खान के पास आज के समय के मुताबिक 230 अरब डॉलर (करीब 18 लाख करोड़) की दौलत (Usman Ali Khan Net Worth) थी। उनकी अधिकांश संपत्ति गोलकुंडा की हीरे की खदानों से आती थी। लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये है कि इतना पैसा होने के बाद भी उनका रहन सहन राजसी नही बल्कि काफी साधारण था। पहनावे में वो केवल कुर्ता-पजामा पहनते थे और पैरों में साधारण सी चप्पल होती थी। और 35 साल पुरानी एक तुर्की टोपी पहना करते थे, इसके अलावा पुराने से पलंग में सोते थे, टूटी टेबल और कुर्सियां उनके पास रहती थीं।