आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए तीन राज्यों के किसानों को मिलेगा मुआवजा 1

आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत, आगरा जिले की तहसील सदर, खेरागढ़ और फतेहाबाद के 18 गांवों की 134 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस भूमि अधिग्रहण के कारण लगभग 400 किसान प्रभावित होंगे, जिनकी भूमि इस एक्सप्रेस-वे के दायरे में आएगी।

आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक भूमि को चिन्हित कर लिया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 134 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जो कि आगरा जिले के 18 गांवों में फैली हुई है।

भूमि अधिग्रहण के बदले प्रभावित किसानों को उनकी जमीन के लिए चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। इस मुआवजे की राशि किसानों की भूमि की वर्तमान बाजार दर के आधार पर तय की जाएगी, जिससे किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण

आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए तहसील सदर, खेरागढ़ और फतेहाबाद के 18 गांवों की 134 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। किसानों को चार गुना मुआवजा मिलेगा और 400 किसान दायरे में आएंगे।

जिला प्रशासन ने अधिसूचना का प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नई दिल्ली को भेज दिया गया है। तो वहीं तीन दिनों में तीन अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दी गई है। इसमें प्रमुख रूप से चंबल नदी में वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस के अलावा वन विभाग की एनओसी भी शामिल है।
छह लेन के एक्सप्रेस-वे को 4263 करोड़ रुपये में तैयार किया जाएगा और चंबल नदी में 600 मीटर हैंगिंग पुल बनाया जाएगा।

तीन राज्यों की भूमि होगी अधिग्रहण

उप्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 100 गांवों की 562 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक्सप्रेस वे का नेशनल हाईवे नंबर जारी होगा। एनएचएआई ग्वालियर खंड के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने से पहले वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस, वन विभाग मुरैना और सरकारी भूमि की अनुमति मिल चुकी है।

2025 से शुरू होगा निर्माण

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस−वे का निर्माण साल 2025 में शुरू किया जाएगा। इसके लिए सितंबर में किसानों को चार गुना मुआवजा वितरण भी शुरू किया जाएगा।


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