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अब भारत खुद बना रहा असॉल्ट रायफल AK-203, कितनी सटीक और मारक क्षमता 1

भारतीय सेना के जवानों के लिए अत्याधुनिक असॉल्ट रायफल एके-203 अब कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्ट्री में बनने लगी है। रक्षा मंत्रालय की कंपनी एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) के अधीन इस हथियार का निर्माण हो रहा है। अगले आठ सालों में, यानी 2032 तक, पांच लाख से अधिक असॉल्ट रायफल भारतीय सेना को दी जाएंगी।

इसके बाद यह रायफल भारतीय सेना के जवानों का मुख्य हथियार बन जाएगी। इस हथियार को बनाने की तकनीक रूस से ली गई है, और इसका पूरी तरह से स्वदेशी उत्पादन भारत में हो रहा है। आने वाले साल में, कानपुर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन में अहम भूमिका निभाएगा।

अगले साल से बनने लगेंगे 155 एमएम तोप के गोले

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर में अगले साल से 45 किमी दूर तक मार करने वाली 155 एमएम तोपों के गोले बनने लगेंगे। अभी यहाँ 25 से 30 किमी मारक क्षमता वाली तोपों के गोले बनाए जा रहे हैं। अर्मापुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से एक शेल फोर्ज प्लांट बन रहा है,

जो अगले साल तैयार हो जाएगा। इसके बाद भारतीय सेना को धनुष, पिनाक और हॉवित्जर सिस्टम वाली तोपों के गोले कानपुर से भेजे जाएंगे। फिलहाल, ओएफसी को नागपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री अंबाझारी से गोले मंगाने पड़ते हैं। ओएफसी में 105 एमएम और 125 एमएम के गोले बन रहे हैं।

तीन फैक्ट्रियों में बनती है एके-203 रायफल

असॉल्ट रायफल एके-203 का निर्माण भारत में तीन फैक्ट्रियों में हो रहा है। कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ) और कोलकाता की रायफल फैक्ट्री ईशापुर में रायफल तैयार की जा रही है।

इसके बाद इन रायफलों को अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री प्रोजेक्ट कोरवा में असेंबल किया जाता है। हर साल करीब 60 हजार रायफल तैयार की जाएंगी और सेना को सौंप दी जाएंगी। आगे चलकर, यह रायफल भारतीय सेना का मुख्य हथियार बन जाएगी।

क्‍या बोले अधिकारी

एडब्ल्यूईआईएल के सीएमडी राजेश चौधरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत कानपुर की एसएएफ में एके-203 रायफल बनाई जा रही है। भारत और रूस के साझेदारी में बनाई गई इस तकनीक का स्वदेशीकरण भारत में हो रहा है।

खासियत एके 47

एके-47 की लंबाई 645 मिमी है और इसमें 20 राउंड वाली मैगजीन होती है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। इसका वजन 4.3 किलो है और यह 380 मीटर की रेंज तक सटीक फायर करती है। इसके विपरीत, एके-203 की लंबाई 705 मिमी है, इसका वजन 3.8 किलो है और इसमें 30 राउंड वाली मैगजीन होती है।

एके-203 की खासियत यह है कि यह कभी जाम नहीं होती, इसका बटस्टॉक फोल्डिंग और एडजस्टेबल है, और इसमें नाटो ग्रेड का 7.62 एमएम का कारतूस लगता है। इसकी मैगजीन में 30 बुलेट लोड कर एक मिनट में 600 गोलियां दागी जा सकती हैं, और यह 400 मीटर की रेंज तक शत प्रतिशत सटीक फायर करती है। एके-203 में पिकेटिनी रेल लगी होती है, जो नाइट विजन और दूर निशाना लगाने में मदद करती है।


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